Welcome to Safe Food Mitra
जड़ी-बूटियों पर अनुसंधान में माहिर डा. शर्मा तीन नवंबर को इंदौर आए थे। वह एक अनुबंध के तहत सांवेर रोड स्थित गुर्जर फायटोकेम प्रालि लैब में कैंसर, कोलेस्ट्रोल और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए जड़ी-बूटियों पर अनुसंधान कर रहे थे। कुछ दिन तक साउथ तुकोगंज के कंचन होटल में रुकने के बाद वह विजयनगर के अशोका होटल में रहने चले गए। शुक्रवार को उन्हें उल्टी-दस्त की शिकायत हुई। शनिवार रात लैब संचालक रवींद्र सिंह मंडलोई और वीरेंद्र सिंह मिलने पहुंचे तो उनकी तबीयत ज्यादा खराब लगी। रवींद्र उन्हें जंजीरावाला चौराहा स्थित शेल्बी अस्पताल ले गए, लेकिन डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
वींद्र के मुताबिक डा. शर्मा दो दिन से सुस्त थे। उनकी पल्स भी ज्यादा थी। जिद करके दूध पिलाया। स्थिति देखकर वह खुद अस्पताल लेकर गए थे। उनके भाई मनोज शर्मा के मुताबिक डा. शर्मा मुख्यत: हर्बल उत्पादों पर अनुसंधान करते थे। उन्होंने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) में भी काफी काम किया था। सैन्य अधिकारियों के साथ जीरो डिग्री तापमान में कैसे दही जमाया जा सकता है, इस पर भी अनुसंधान किया था। उन्हें तमिलनाडु के राज्यपाल सर्वोच्च उपाधि दे चुके हैं।
FSSAI यानि Food Safety and Standards Authority of India द्वारा पिछले साल 25 से 27 अगस्त के बीच एक सर्वे किया था. जिसमें देशभर से कुकिंग ऑयल (Cooking O...
jagran.com
Populars Courses